आप अपने को तनावमुक्त चेतना की स्थिति में लाइए।
वर्तमान पूर्णिमा ध्यान में ,अपना उद्देश्य निर्धारित कीजिए,जो इस ग्रह में आनेवाली शुद्ध स्त्रैण ईश्वरीय प्रकाश उर्जा का शक्तिशाली द्वार हैं।
कल्पना कीजिए,कि गैलेक्टिक सेन्ट्रल सन से प्रकाश स्तंभ निकल रहा हैं,जोहमारे गैलेक्सी और सौरमंडल के सभी प्रकाश बिन्दुओं में जा रहा हैं।औरआपके शरीर से होते हुए पृथ्वी के मध्य बिन्दु तक जा रहा हैं।फिर कल्पनाकीजिए,एक और प्रकाश स्तंभ की,जो ग्रह के मध्य से निकल रहा है,वो प्रकाशस्तंभ आपके शरीर से होते हुए सौरमंडल के सभी प्रकाश प्राणियों में से होते हुएगेक्टिक सेन्ट्रल सन मे वापस जा रहा हैं।आप दोनों प्रकाश स्तंभों के आधारहैं,जिससे ये उर्जा ऊपर की ओर और नीचे की ओर ,साथ-साथ प्रवाहित हो रहीहैं।
अब कल्पना कीजिए,कि ये उर्जा हल्के गुलाबी रंग की प्रकाश किरण के रूप मेंआपके शरीर में प्रवाहित हो रही हैं।और सर्पिलाकार रूप से आपके हाथो से होतीहुई,इस पूरे ग्रह के आसपास के सभी प्राणियों (जीवों ) में और गैया के सभीजीवन और ग्रह में फैल रही है।कल्पना कीजिए,कि हल्की गुलाब प्रकाश किरणसभी प्राणियों ,पशुओं ,पौधों का उपचार कर रही हैं।प्रत्येक पुरूष,महिला औरबच्चों के मन और ह्रदय स्वस्थ हो रहे हैं।
कल्पना करिए,ग्रह के सभी प्राणी शुद्ध दैवीय उर्जा को महसूस कर रहे है।देखिए,वे सभी अज्ञानता के गिरफ़्त से आजाद हो रहे है।वे सभी कष्टों से दूर होरहे है,और स्वस्थ हो रहे है।कल्पना कीजिए,कि सारे लोग शांति,प्रेम औरसामंजस्य में रह रहे है।वे सभी एक दुसरे को समझ रहे है।देखिए,वे लोग ख़ुशीसे उत्सव मना रहे है।वे ग्रह पर समृद्ध ,एकता और प्रचुरता वाले एक नये समाजमे भागीदारी निभा रहे है।देखिए हरेक की ज़रूरत पूरी हो रही है और प्रत्येकव्यक्ति अपनी इच्छानुसार जीवन जी रहा है।
कल्पना कीजिए,ग्रह के लाइट ग्रिड के फ्लावर अॉफ लाइफ़ ,प्यारी गुलाबी देवीके अनकंडीशनल लव से भरे हुए है।कल्पना कीजिए,सारी देवियाँ ग्रह पर भँवररुप में,सक्रिय हो रही है।साथ ही सारे पौरुष देवता भी ग्रह पर भँवर रुप मेंसक्रिय हो रहे है।ग्रह के सारे लाइट ग्रीड प्राणी संपन्न और पूर्ण सक्रिय हो गयेहै।
और ऐसा ही हैं।
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